डीएनआर रिपोर्टर. बीकानेर
नगर निगम को सर्वाधिक राजस्व देने वाली मुरलीधर व्यास कॉलोनी बेहाल है। लम्बे समय से यहां चली आ रही समस्याओं को लेकर जहां एक ओर यहां रहने वाले लोग त्रस्त है। वही इन समस्याओं के समाधान को लेकर कोई धणीधौरी नहीं है। जिसके कारण इस कॉलोनी में क्षतिग्रस्त सडक़ें, टूटी नालियां, बंद व टूटी रोड लाइट, चारों ओर उगे झाड़ झंखाड़ से होने वाली परेशानियों की वजह से इस कॉलोनी में रहने वाले लोगों के सब्र का बांध टूटता नजर आ रहा है। इसको लेकर यहां रहने वाले लोगों में खासा रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि इस बारे में कई बार नगर निगम प्रशासन को अवगत करा चुके है। इसके बावजूद उनकी किसी ने सारसंभाल व सुध तक नहीं ली। जिसके चलते ये समस्याएं दिन प्रतिदिन और गंभीर होती चली जा रही है। समय रहते इन समस्याओं का निदान नहीं होने पर लोगों ने आन्दोलन तक की चेतावनी दे डाली है।
ये है विकट समस्या
कहने को तो मुरलीधर व्यास कॉलोनी पूरी तरह से आबाद कॉलेानियों में से है। किंतु इस कॉलोनी में मुख्य समस्या ये है कि जहां लोग रह रहे है। उनके अगल बगल में रिहायशी प्लॉट खाली पड़े हुए है। उनकी किसी ने सुध नहीं ली। जिसके कारण ये खाली पड़े आवासीय प्लॉट गंदगी का अड्डा बनते जा रहे है। यही नहीं यहां उगने वाले कींकर आदि से मच्छरों से भी जूझ रहे है।
मच्छरों के साथ बढ़ती पशुओं की संख्या
गोचर से सटी इस कॉलोनी की मुख्य समस्या ये है कि यहां एक ओर मच्छरों की तादाद बढ़ती जा रही है। जिसके कारण मच्छरजनित मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैल रही है। दूसरी ओर पाश कॉलोनी होने के बावजूद नजदीक गोचर के कारण दिनभर यहां आवारा पशुओं की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। जिसके कारण बच्चों व बुजुर्गों को इनसे होने वाली अनहोनी घटना का डर घर करता चला जा रहा है। लोगों की शिकायत है कि न्यास की ओर से यहां लाखों रुपए की लागत से पोल लगाने पर विरोध किया गया था। इसके बावजूद पोल लग गए किंतु उनकी किसी ने सुध नहीं ली।